सहारा पर इतना जुर्म क्यों?
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सहारा पर इतना जुर्म क्यों?
सहारा जिसने भारत वर्ष के लगभग 15 लाख बेरोजगारों को नॉकरी दिया। उनका विबाद सेबी से जल्द क्यों नही सलट रहा है। क्यों वर्तमान सरकार उसपे हस्तक्षेप कर विबाद को निराकरण क्यों नही कर रहा है। गूगल से प्राप्त जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप का कर्ज आज
पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 1.57 लाख करोड़ रुपये था। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में अडानी एंटरप्राइजेज के कर्ज में सबसे ज्यादा 155 फीसदी इजाफा हुआ। इस दौरान कंपनी का कर्ज बढ़कर 41,024 करोड़ रुपये पहुंच गया। इसपर सरकार या सेबी क्या करवाई कर रही है। उल्टा सरकारी ठेका आज सभी लगभग इन्ही को देता चला आ रहा है। जहाँ आज बेरोजगारी का दौर में सहारा भारतीय नवयुवक के सहारा दिया हुआ था उनपर इतनी मार क्यों? क्या सरकार नवयुवक को पूर्णतः बेरोजगारी के दौर में धकेलने चाह रही है? आज सहारा पर जिस तरह की करवाई चल रही है ऐसे में अगर सहारा बन्द हो गयी तो उन 15 लाख कर्मचारी का क्या होगा इसपर सरकार कभी सोचा भी है? आज सहारा के कर्मचारियों को तनख्वा मिलना बंद हो गया है उनके घर के चूल्हे कैसे जल रहे है क्या सरकार उसपर कुछ सोच रहे है? जिसपर इतना कर्ज उसपर इतना मेहरबान सरकार और जो भारतीय युवक या युवतियों को नॉकरी दे रखा है उसपर इतनी त्रासदी क्यों? अतः सरकार से निबेदन है कि सहारा सेबी के विबाद को खत्म कर उनके कर्मचारियों के घर को सही ढंग से चले और जैसे सहारा के कर्मचारियों को तनख्वा से घर का चूल्हा जल रहा था उसे फिर से घर के चूल्हे को जलने दे।