जनपद चन्दैली आदर्श_नगर_पंचायत_चकिया के चुनाव में यथास्थितिवाद के खिलाफ बदलाव के लिए चुनाव लड़े और चुने जाए

जनपद चन्दैली आदर्श_नगर_पंचायत_चकिया के चुनाव में यथास्थितिवाद के खिलाफ बदलाव के लिए चुनाव लड़े और चुने जाए
आदर्श नगर पंचायत चकिया का नगर पंचायत कार्यालय व नगर संक्रमण के दौर से गुजर रहा हैं! क्योंकि कार्यकाल के दौरान ही वर्तमान चेयरमैन का आकस्मिक बिमारी से निधन हो गया जो बहुत ही दुखद व नि:शब्द रहा हैं! नगर का विकास जहाँ बाधित हुआ वहीं नगर पंचायत कार्यालय भी तानाशाही की तरफ बढ़ा हैं! जनता के कामों में लेटलतीफी व ईओ, प्रशासक की तानाशाही से सब लोग रोजाना रूबरू हो रहें हैं! पूर्व के चुनाव में उतरे हारे विभिन्न दलों के प्रत्याशी से लेकर भारी पैसा निवेश करने वाले या रोजाना चुनाव की आहटें सुनकर दारू – मुर्गा खिलाकर मतदाताओं को लूभाने वाले या विभिन्न पार्टियों व नेताओं की परिक्रमा करने वाले भावी प्रत्याशी का इस सवालों से कोई लेना – देना नहीं हैं और न होने की सम्भावना हैं! अब रह गयी पांच वर्ष पूर्व हमनें नए चेयरमैन चुनते समय क्या उम्मीद लगाए थें हमें यह उम्मीद था कि आदर्श नगर पंचायत चकिया ग्रीन नगर पंचायत के रूप में तब्दील होगा हुआ क्या आदरनीय चेयरमैन साहब की आकस्मिक मृत्यु के पूर्व जो जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मिला था वह यह था कि एक साल में आदर्श नगर पंचायत चकिया में वृक्षारोपण व रखरखाव के नाम पर आठ लाख ( लगभग) खर्च हुआ हैं अब आप खुद सोच सकते – देख सकते हैं कि पांच साल में नगर हमारी कितनी ग्रीन हुई हैं! रानी की पोखरी दिलकुशा के सुन्दरीकरण के नाम पर करीब 96 लाख रुपये खर्च किया गया हैं अब कितने पैसे निकल गया इस पर नगर पंचायत गोल – मटोल जबाब देता आ रहा हैं! हर खम्भे पर अच्छे कम्पनी की लाइट की कल्पना हकीकत में नहीं पुरा हुआ! कई खम्भे पर लाइट लगाने की शिकायत करते करते थक गए! कोरोना जैसी महामारी के समय भी आदर्श नगर पंचायत चकिया की भूमिका बहुत सराहनीय नहीं रहा हैं गरीब असहाय को पचास ग्राम तक भोजन भारी प्रचार करतें हुए वितरण हुआँ हैं! जबकि आदर्श नगर पंचायत चकिया के कई समाजसेवी की भूमिका बहुत सराहनीय रहा जो चंदा मांगकर भी गरीबों के घरों तक राहत सामग्री पंहुचा सकें हैं! जिसमें हम कुछ नाम का जिक्र कर रहें हैं जिनके काम सराहनीय रहा उसमें अजय मद्धेशिया( अजय किराना) कैलाश जायसवाल(हनुमान प्रसाद) अरबिंद मोदनवाल, प्रशांत गुप्ता, विक्की जायसवाल,आशु गुप्ता, राजकुमार जायसवाल, दिव्वा जायसवाल, रवि गुप्ता, राजेश चौहान, विजय विश्वकर्मा ,गौरव श्रीवास्तव, महेंद्र सिंह (अस्पताल),अशरफ खान ( मुर्गा वाले), राजु वर्मा, शुभम मोदनवाल, लकी बाबु, मुकेश कुमार ( मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान), गीता शुक्ला,अनिल केशरी, शिवरतन गुप्ता, अमरदीप बाला जी सहित दर्जनों नाम हैं जो खतरें झेलते हुए भी गरीबों के घर खाने पहुंचाने का काम किए हैं! हम अपने चेयरमैन वागी जी का और कुछ सभासद का जिक्र इसलिए नहीं कर रहें हैं कि यह पद पर थें और नगर पंचायत से फंड़ लगाना था और इनकी संवैधानिक जबाबदेही थी कि नगर में असहाय गरीब कोई भूखा न रहें! लेकिन उस समय भी नगर पंचायत पर असहाय को कम भोजन देने और गरीबों को खाना देने में हुयी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा हैं और आज भी कोरोना काल में असहाय को भोजन पर आए खर्च का विवरण देने में आनाकानी हो रहा हैं! आदर्श नगर पंचायत चकिया में रेहड़ी पटरी पर दुकान करनेवाले को नगर पंचायत चकिया के द्वारा बने दुकान आवंटन में प्राथमिकता नहीं दिया गया
आदर्श नगर पंचायत चकिया के विकास मदों में कितनी धन खर्च पांच साल में हुआ इसकी जन सूचना से भी मांगने पर ब्यौरा नहीं दिया जा रहा हैं इसके लिए सूचना आयोग लखनऊ में शिकायत करना पड़ रहा हैं! शहर के छत विहीन लोगों को डूडा से प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत छत देने की योजना भी गरीबों को लूटने की योजना में तब्दील हो गया! पात्र लाभार्थियों से भी तीस हजार तक की वसूली हुई हैं ( अपवाद छोड़कर) पहले से ही बने एक मंजिल – दो मंजिल मकान के मालिक……. विश्कर्मा जी,……. खान साहब,….. शुक्ला जी…… श्रीवास्तव जी,……. सोनकर जी,……. सिंह साहब,…… चौहान जी,…… जायसवाल जी, ….. ,……गुप्ता जी, सहित तमाम बड़े लोगों को आवास मिल गया जो वर्तमान में कहीं से आवास लेने के पात्र नहीं थे( नाम उजागर नहीं कर रहा हूँ जबकि जनसूचना से सभी का नाम भी मिला हैं जाति के आगे…..एक नाम समझे, पुरी जाति नहीं), आवास लेने के लिए पिता – पुत्र , माँ – बेटा ,भाई – भाई अलग हो गए, ….के भाई बनकर जायसवाल जी, मकान के उपर दूसरे जाति के लोगों को आवास मिल गया लेकिन स्व नंदू जी, बलदाऊ जी सहित दर्जनों परिवार हैं जो एक ही घरों में रह रहें हैं लेकिन आवास नहीं मिला!
ऐसे दर्जनों सवाल हैं जो आदर्श नगर पंचायत चकिया के भावी प्रत्याशी से जबाब मांगेगा कि इस पर कि चकिया के निवासी थें और चेयरमैन बनाना चाहते हैं तो अब तक मौन क्यों थें! और चेयरमैन बनने के बाद क्या करेंगे!
क्रमशः