प्रसिद्ध जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को सरकार पर्यटन स्थल घोषित करने की सूची से बाहर करे बांठिया
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प्रसिद्ध जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को सरकार पर्यटन स्थल घोषित करने की सूची से बाहर करे बांठिया
राजस्थान से AINभारतNEWS से अशरफ मारोठी की खास खबर
बालोतरा (बाड़मेर)
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य गणपत बांठिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को पत्र प्रेषित कर बांठिया ने विश्व विख्यात जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित नहीं करते हुए पर्यटन लिस्ट से की बाहर रखने की मांग, भाजपा राजस्थान प्रदेश कार्य समिति सदस्य गणपत बांठिया ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को पत्र प्रेषित कर अगवत करवाया कि सम्मेद शिखरजी जैन धर्म के तीर्थंकरों का बहुत बड़ा तीर्थ स्थल जहां ऊंचे पहाड़ों पर दर्जनों जैन तीर्थंकरों के मंदिर भी है, जैन धर्म में आस्था रखने वाले जैन धर्म के अनुयायियों के साथ करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल को सरकार ने पर्यटन स्थलों की सूची में जोड़ दिया, इस धार्मिक जैन तीर्थ मे आस्था रखने वाले जैन धर्म के लोगों में इसको लेकर आक्रोश व्याप्त है, झारखंड स्थित सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ स्थल जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक हैं, बांठिया ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने जैन समाज के इस आस्था के केंद्र को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया, बांठिया ने प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित पत्र में जैन समाज के प्रमुख तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में नहीं तीर्थ स्थल के रूप में डेवलपमेंट कराने की मांग करते हुए बांठिया ने कहा कि सम्मेद शिखरजी हम जैन धर्म के लोगों का आस्था केंद्र है। बांठिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल की सूची से शीघ्र बाहर नहीं किया तो सम्पूर्ण जैन समाज में बढ़ते रोष के कारण सरकार को जगह जगह जैन समाज का विरोध भी झेलना पड़ेगा, सम्मेद शिखर तीर्थ को जैन समाज की आस्था का केन्द्र बताते हुए बांठिया ने कहा कि सरकार सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल की सूची से बाहर कर जैन समाज की आस्था का सम्मान करे, बांठिया ने बताया कि जैन समाज के लोगों का आग्रह है कि हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित नहीं कर इस तीर्थस्थल को सरकार तीर्थ स्थल के रूप में ही विकसित करे, प्रेषित पत्र के माध्यम से बांठिया ने केंद्र व राज्य सरकार से आग्रह किया कि सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल की सूची से हटवाकर सरकार जैन धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करे।