इछौरा गांव में पात्र गरीबों को नहीं दिया जा रहा लाभ अपात्रों को दिया जा रहा आवास
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इछौरा गांव में पात्र गरीबों को नहीं दिया जा रहा लाभ अपात्रों को दिया जा रहा आवास
संवाददाता संजीत कुमार AiN भारत न्यूज की खास रिपोर्ट लालापुर प्रयागराज
प्रयागराज। लालापुर थाना अंतर्गत ग्राम सभा गोइसरा के ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सचिव की लापरवाही से गरीबों लाचारों को नही मिल पा रहा आवास छप्पर के नीचे ब्यतीत कर रहे जीवन लालापुर विकास खण्ड शंकरगढ़ के ग्राम सभा गोइसरा के मजरा इछौरा में पात्र लोगो को आवास का लाभ नही मिल रहा है ।अपात्रों को आवास दिया जा रहा है जिसका घर गिर गया है रहने के लिए घर नही है छप्पर डालकर गुजर बसर कर रहा है। उस पात्र लाचार ब्यक्ति को आवास नही दिया गया न तो सूची में नाम डाला गया है। जिसके पास घर में कमाई का जरिया है सरकार का पैसा आ रहा है सरकारी नौकरी है पिता के नाम आवास दे दिया गया यही नही जिसके पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर आलीशान मकान है उसको भी पूर्व में प्रधान तथा ग्राम पंचायत सचिव ने आवास दे दिया।किन्तु इस हाड़ कपांती सर्दी में रहने को घर नही है लाचार है उसको आवास नही दिया जा रहा है जिसकी गांव के लोगो ने जांच की मांग किया है।
एक तरफ योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए भ्रस्टाचार खत्म करने का प्रयास कर रहे है वही दूसरी तरफ विकास खण्ड शंकरगढ़ में ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सचिव की धन कमाऊ नीति तथा लापरवाही के चलते गरीब बेसहारा लाचार लोगो को प्रधानमंत्री आवास का लाभ नही मिल पा रहा है। ग्राम सभा गोइसरा के मजरा इछौरा में रामलोचन पुत्र दशरथ दीन जिनकी उम्र लगभग 84 वर्ष है उनका घर बारिश में तीन साल पहले गिर गया था जिनके पास रहने के लिए घर नही है छप्पर डाल कर अपना गुजर बसर करते है। उनको ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सचिव ने आवास नही दिया न तो उनको कोई सरकारी लाभ मिल रहा है जबकि बुजुर्ग दम्पति के पास कोई कमाई का जरिया नही है कोई लड़का भी नही है उनको आवास नही दिया गया उल्टा उनसे आवास देने के नाम पर पहले पच्चीस हजार रुपया मागा जा रहा था अब सवाल यही खड़ा होता है कि बुजुर्ग के पास खाने का पैसा नही है तो पैसा कहाँ से दे पाएगा अब इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन अपात्र लोगो को आवास दिया गया है उनको कैसे आवास दिया गया होगा अगर पात्र को जो लाचार है उनको बिना पैसे के आवास नही दिया गया तो अपात्र जिसके पास सरकारी घर मे नौकरी है कैसे आवास मिला होगा इससे उच्चाधिकारी भ्रष्टाचार का अंदाजा लगा सकते है किंतु अधिकारी भी गरीबो को ध्यान नही देते है सरकार सबको अपनी छत देने का प्रयास तो कर रही है किंतु जिम्मेदार अपनी जेब भरने में लगे है। इसी तरह इछौरा गांव के ही कृष्ण लोचन के पास घर नही है घर गिर गया है उनको आवास नही दिया गया है किसी तरह से अपने परिवार के साथ दूसरी जगह रिश्तेदार के मकान में रहते है यही नही रामलोचन ने बताया कि हमारा चयन सूची में पिछले साल नाम आया था पता नही कैसे हटा दिया गया अब सवाल तो बार बार यही उत्पन्न होता है कि पात्र ब्यक्ति का नाम कैसे हटा दिया गया अपात्र का नाम कैसे जोड़ दिया गया आवास मिल भी गया । यही नही कुछ लोगो ने तो दबी जवान में बताया कि अगर जितने आवास दिए गए है इसकी जांच हो जाय तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाय। अब बात जो भी हो यह तो प्रधान ग्राम पंचायत सचिव ही जाने किन्तु इछौरा गांव में अपात्रों को आवास मिला है और आगे भी नाम चयन किया गया है पत्रों को आवास नही दिया जा रहा है जिससे सरकार की मंशा पर पानी फिरता दिख रहा है। इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि अपात्र अगर है तो चलकर बताइए अब सवाल यही खड़ा होता है कि उनसे सही बात पूँछी जाय तो उनको अपात्रों को चलकर चेक कराया जाय। गांव के रामलोचन सहित कई लोगो ने जो पात्र है जिनके पास घर रहने के लिए नही है छप्पर दाल कर गुजर बसर करते है मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से गुहार लगाई है कि इस भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए तथा पात्र लोगो को आवास का लाभ दिया जाय।