श्रीमद् भागवत महापुराण केवल धर्म ग्रंथ नहीं भगवान का स्वरूप है दर्शन मात्र से जीव का कल्याण..महंत पं.सुब्बाराव शास्त्री
श्रीमद् भागवत महापुराण केवल धर्म ग्रंथ नहीं भगवान का स्वरूप है दर्शन मात्र से जीव का कल्याण..महंत पं.सुब्बाराव शास्त्री
रिपोर्ट जमील अख़्तर वाराणसी
वाराणसी स्वर्गीय महंत श्री चल्ला कृष्ण जी महाराज की स्मृति में सोनारपुरा स्थित श्री चिंतामणि गणेश मंदिर प्रांगण में संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में कथावाचक श्री गोपाल सुन्दर ने बताया ने बताया कि श्रीमद् भागवत कलयुग में विशेष महत्व रखती है सभी के दुखों क्लेशों एवं अन्य परेशानियों का निवारण करने में सक्षम है।
उक्त अवसर पर चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत पं.सुब्बाराव शास्त्री ने बताया कि स्वर्गीय महंत श्री चल्ला कृष्ण जी महाराज की स्मृति में चिंतामणि गणेश मंदिर प्रांगण में संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कथा के साथ ही प्राचीन भारतीय संस्कृति व गुरुकुल परंपराओं का महत्व सनातन धर्म का विस्तार एवं गोरक्षा व गो सेवा का भाव जाग्रत हो जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाती है,भागवत महापुराण केवल धर्म ग्रंथ नहीं है। अपितु भगवान का स्वरूप है जिनका दर्शन मात्र से जीव का कल्याण हो जाता है।इसके श्रवण से जीव का दुःख क्लेश पाप तत्काल नष्ट होता है और वह सुखी व ईश्वरीय गुणों से परिपूर्ण हो जाता है।
साथ ही आगामी 24 दिसंबर को भव्य विशाल शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। सभी काशीवासी भक्त इस शोभा यात्रा का हिस्सा बनेंगे।
