ब्राह्मण समाज पर अत्याचार: पवन दुबे और जितेंद्र दुबे की नृशंस हत्या
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शिवम पंडित युवा समाजसेवी।
ब्राह्मण समाज पर अत्याचार: पवन दुबे और जितेंद्र दुबे की नृशंस हत्या
AIN भारत संवाददाता सतीश द्विवेदी की ख़ास रिपोर्ट खबर भी असर भी लालापुर प्रयागराज
प्रयागराज में हाल ही में घटी एक दर्दनाक घटना ने पूरे ब्राह्मण समाज को झकझोर कर रख दिया है। दो नवयुवकों, पवन दुबे और जितेंद्र दुबे, की लाशें उनके घर के बाहर पड़ी मिलीं, जो किसी भी परिवार के लिए एक गंभीर त्रासदी है। इस क्रूरता का सामना करने वाले परिवार के दर्द को समझना कठिन है। अफसोस की बात यह है कि पीड़ितों की जाति ब्राह्मण होने के कारण कोई भी नेता या प्रभावशाली व्यक्ति इनकी आवाज उठाने को तैयार नहीं है।
जानकारी के अनुसार, पवन दुबे और जितेंद्र दुबे को लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से लैस दबंगों, जिनमें रवि यादव, विपिन यादव, विकास यादव और लवकुश यादव समेत दर्जनों लोग शामिल थे, ने बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस हिंसा में अन्य तीन लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
शिवम पंडित की मुख्यमंत्री से गुहार
युवा समाजसेवी शिवम पंडित ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया है कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। शिवम पंडित ने स्पष्ट किया कि यह केवल पवन और जितेंद्र की हत्या नहीं है, बल्कि ब्राह्मण समाज के आत्मसम्मान पर किया गया आघात है।
क्या ब्राह्मण समाज की आवाज कोई सुनेगा?
इस घटना के बाद सवाल उठता है कि क्या ब्राह्मण समाज की आवाज बनने वाला कोई है? समाज को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर, प्रशासन से यह मांग की जानी चाहिए कि आरोपियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।
ब्राह्मण समाज का धैर्य हो रहा है समाप्त
अगर न्याय की गुहार अनसुनी की जाती रही, तो समाज में असंतोष बढ़ता जाएगा। शिवम पंडित ने इस ओर इशारा किया है कि ब्राह्मण समाज अब चुप बैठने वाला नहीं है, और प्रशासन को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए।
क्या प्रशासन अब न्याय करेगा?
इस हृदयविदारक घटना से पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और शासन पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए तत्परता से कदम उठाएगा, या फिर समाज को न्याय के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ेगा।