श्रमशीलता हमारे जीवन का अभिन्न बने
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महराजगंज,प्रत्येक गायत्री परिजनों को यह स्मरण रखने की जरूरत है कि गायत्री परिवार का उद्देश्य स्मरण रखने के अतिरिक्त हमारे व्यक्तित्व में एक और गुण होना अनिवार्य हो जाता है उसका नाम है _श्रमशिलता।शरीर की कीमत श्रम से है।इस संसार की सारी प्रगति का आधार श्रम है।जो परिश्रमशीलता को भुला बैठते है,उनका शरीर विमारियो का और मन समस्याओं का घर बन जाता है। श्रमशीलता हमारे जीवन का अभिन्न अंग बने,इसलिए हमे अपने एक एक क्षण का सदुपयोग करने को सोचना चाहिए।कोई भी क्षण निरर्थक कार्यों में व्यतीत न हो, इसको सुनिश्चित करना भी एक तरह की साधना ही है।इसके साथ ही यह सोचकर भी सुनिश्चित कर लें कि जो कार्य हम कर रहे हैं उस कार्य की गुणवत्ता में अहर्नीश वृद्धि होती चले।इसके साथ ही अपनी दिनचर्या को ,अपनी कर्मभूमि को,अपनी कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित रखना भी हमारा एक महत्वपूर्ण दायित्व हो जाता है। हमें मिले प्रत्येक कार्य को हम यह सोचकर करे ये हमारा श्रेष्ठतम कार्य हो। हर छोटे से छोटे कार्य को जब हम पूर्ण मनोयोग पूर्वक करते हैं तो हमारा जीवन व्यवस्थित भी हो जाता है और साथ ही साथ आध्यात्मिक प्रगति को भी प्राप्त करता है।
क्राइम ब्यूरो महराजगंज AIN भारत NEWS कैलाश सिंह
