मौसम ने बदली करवट, गेहूं की पैदावार में पड़ेगा असर
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मौसम ने बदली करवट, गेहूं की पैदावार में पड़ेगा असर
इस साल ठंड भी कम पड़ी, सरसों की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद
शंकरगढ़। इस साल मौसम का मिजाज किसानों के लिए चुनौती बनता नजर आ रहा है। ठंड अपेक्षाकृत कम पड़ने और हाल ही में बदले मौसम के कारण गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर सरसों की फसल के लिए यह मौसम अनुकूल साबित हो सकता है, जिससे किसानों को कुछ राहत मिल सकती है।
गेंहू की पैदावार पर असर
किसानों का कहना है कि इस बार ठंड देर से आई और जल्दी चली गई, जिससे गेहूं की फसल को पर्याप्त ठंड नहीं मिल पाई। विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की अच्छी बढ़त के लिए ठंड का एक निश्चित समय तक बने रहना जरूरी होता है। अगर तापमान सामान्य से अधिक रहता है, तो दानों का भराव कमजोर रह सकता है और फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
शंकरगढ़ क्षेत्र के किसान रामेश्वर सिंह बताते हैं, “हर साल इस समय तक खेतों में गेहूं की फसल तेजी से बढ़ती है, लेकिन इस बार तापमान अधिक रहने से पौधे कमजोर दिख रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में मौसम ऐसा ही रहा तो पैदावार घट सकती है।”
सरसों की फसल के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ
हालांकि, मौसम में हुए इस बदलाव से सरसों की फसल को फायदा हो सकता है। किसानों का मानना है कि सरसों के लिए हल्की ठंड और कम नमी वाला वातावरण अच्छा होता है। इस साल सर्दी कम पड़ने और धूप अच्छी मिलने से सरसों की फसल स्वस्थ दिख रही है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले कुछ हफ्तों तक मौसम अधिक गर्म नहीं हुआ, तो सरसों की पैदावार बेहतर हो सकती है।
गांव के ही एक अन्य किसान सुरेश पटेल का कहना है, “हमने इस बार गेहूं के साथ सरसों भी लगाई थी। गेहूं की हालत तो ठीक नहीं है, लेकिन सरसों की फसल बहुत अच्छी दिख रही है। उम्मीद है कि सरसों की अच्छी उपज से नुकसान की भरपाई हो जाएगी।”
किसानों की चिंताएँ और संभावित समाधान
शंकरगढ़ क्षेत्र के किसानों में इस बदलाव को लेकर चिंता बढ़ रही है। कृषि विभाग का कहना है कि इस समय किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। समय-समय पर सिंचाई और पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग कर गेहूं की फसल को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
वहीं, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर आने वाले दिनों में हल्की ठंड लौटती है तो गेहूं को कुछ राहत मिल सकती है। कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपनी फसल पर लगातार नजर रखें और आवश्यक कृषि उपाय अपनाएं।
निष्कर्ष
मौसम के बदले मिजाज ने गेहूं की पैदावार को प्रभावित करने के संकेत दिए हैं, जिससे किसान चिंता में हैं। हालांकि, सरसों की फसल के लिए यह मौसम अनुकूल साबित हो सकता है। अब यह देखना होगा कि आने वाले हफ्तों में मौसम कैसा रहता है और किसान कैसे अपनी फसल को बचाने के उपाय करते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसान जागरूक रहें और उचित देखभाल करें, तो नुकसान को कम किया जा सकता है।
