October 3, 2025 01:43:46

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प्रयागराज महाकुम्भ में वायु प्रदूषण नियंत्रण का बना रिकॉर्ड

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प्रयागराज महाकुम्भ में वायु प्रदूषण नियंत्रण का बना रिकॉर्ड

*महाकुम्भ के दौरान चण्डीगढ़ से भी बेहतर रही प्रयागराज की हवा की गुणवत्ता*

*13 जनवरी से अब तक 42 दिन ग्रीन ज़ोन में रहा नगर निगम क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स*

*नियमित मॉनिटरिंग और लगातार सड़कों पर पानी से छिड़काव, नगर निगम प्रबंधन की योजना रही कारगर*

*महाकुम्भ नगर, 24 फरवरी।* प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई है। श्रद्धालुओं के हजारों की संख्या में चार पहिया वाहन भी महाकुम्भ क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं, बावजूद इसके महाकुम्भ नगर की आबो हवा प्रदूषित नहीं हुई है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की तरफ से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स से यह बात सामने आई है।

*महाकुम्भ में वायु प्रदूषण नियंत्रण का बना नया रिकॉर्ड*
महाकुम्भ में देश की 60 फीसदी से अधिक आबादी संगम के पावन जल में पुण्य की डुबकी लगाकर चली गई। लाखों चार पहिया वाहन भी यहां रहे। बावजूद इसके महाकुम्भ क्षेत्र की आबोहवा सेहत के लिए खराब नहीं हुई है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़ों से इसे बल मिला है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के पर्यावरण कंसल्टेंट इंजीनियर शहीक शिराज ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि महाकुम्भ के दौरान वायु की गुणवत्ता के मामले में महाकुम्भ क्षेत्र ग्रीन जोन में बना हुआ है। उनके मुताबिक, 13 जनवरी पौष पूर्णिमा को महाकुम्भ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 67 था। इसी तरह 14 जनवरी मकर संक्रांति को 67, 29 जनवरी मौनी अमावस्या को 106, 03 फरवरी बसंत पंचमी को 65 और 12 फरवरी माघी पूर्णिमा को 52 रहा है। गौरतलब है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के अंदर अच्छा माना जाता है और 100 से 150 के बीच मॉडरेट। इस तरह महाकुम्भ में केवल मौनी अमावस्या की हवा की गुणवत्ता थोड़ी सी मॉडरेट थी। इसके अलावा सभी दिनों हवा की गुणवत्ता अच्छी रही है। महाकुम्भ के दौरान 42 दिन पूरा क्षेत्र ग्रीन जोन में रहा है।

*चंडीगढ़ से भी बेहतर रही महाकुम्भ की आबोहवा*
प्रयागराज महाकुम्भ आने के लिए अभी भी आस्था का जन सैलाब उमड़ रहा है। डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का भी रेला है, बावजूद इसके लगातार 42 दिन से शहर वायु की गुणवत्ता को लेकर ग्रीन जोन में बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकृत ऐप समीर में दर्ज देश के विभिन्न शहरों की जनवरी और फरवरी के महीने की वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट के तुलनात्मक आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान महाकुम्भ की स्थिति चंडीगढ़ से भी बेहतर रही है। पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को चंडीगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 253 , 14 जनवरी मकर संक्रांति को 264, 29 जनवरी को 234, 3 फरवरी बसंत पंचमी को 208 और 12 फरवरी माघ पूर्णिमा को 89 था।

*नियमित जल छिड़काव, स्प्रिंकलर से छिड़काव और एंटी पॉल्यूशन सेंसर से हुआ नियंत्रण*
महाकुम्भ के समय वायु प्रदूषण में इस नियंत्रण की वजह नगर निगम प्रयागराज की नियमित मॉनिटरिंग और इस बार की गई कई पहल मानी जा रही हैं। नगर निगम प्रयागराज के अवर अभियंता राम सक्सेना बताते हैं कि वायु प्रदूषण की समस्या से बचने के लिए नगर निगम ने 9600 कर्मियों को काम में लगाया। इसके अलावा, 800 से अधिक स्वच्छता कर्मी भी पूरे समय सक्रिय रहे। वॉटर स्प्रिंकलर से लगातार पानी का छिड़काव उन इलाकों में किया गया जहां वायु प्रदूषण की संभावना थी। नगर निगम द्वारा रात में शहर की सड़कों की धुलाई की जाती रही। जल निगम से 10 हजार लीटर के 8 बड़े और तीन हजार लीटर के 4 छोटे पानी के टैंकर लिए गए। शहर के व्यस्ततम चौराहों में शामिल एमएनआईटी चौराहा तेलियरगंज, झूंसी आवास विकास और नगर निगम कार्यालय में तीन जगहों पर एंटी पलूशन सेंसर लगाए गए, जहां प्रतिदिन स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव होता रहा।

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