भारतीय संस्कृति में मानवीय उत्कृष्टता का उदय
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महाराजगंज,भारत सच पूछा जाय तो एक देश मात्र का नाम नहीं है,बल्कि एक संस्कृति का नाम भी है।एक ऐसी संस्कृति का नाम है जहां से मानवीय उत्कृष्टता का उदय हुआ है,इस सोच का उदय हुआ है कि एक अच्छा इंसान बनने के लिए हमे किन गुणों की आवश्यकता होती है? इस सोच का उदय हुआ कि एक अच्छा इंसान बनने के लिए हमे किन किन मूल्यों की आवश्यकता होती है
भारतीय संस्कृति ने ही पूरे विश्व को इस सोच से अवगत कराया कि इंसान की सच्ची कीमत बाहर की सफलता से नही बल्कि भीतर की पात्रता से आती है।आज हम भारत के सांस्कृतिक नवनिर्माण की बात करते हैं तो उसका आधार वही पात्रता का अभीवर्द्धन हो सकता।
आध्यात्मिक उत्कर्ष के लिए पात्रता ही एक मात्र और सच्ची कसौटी कही जा सकती है।भौतिकता की दृष्टि से भी व्यक्ति को अपेक्षित सफलता पाने के लिए किसी न किसी तरह की पात्रता की जरूरत होती हैं।भौतिक जगत में सफलता को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति के पास या तो उचित शैक्षणिक योग्यता हो या ज्ञान हो या अनुभव हो,इनमे से किसी न किसी का होना हमारे भौतिक दृष्टि से सफल होने के लिए अनिवार्य हो जाता है।भारतीय चिंतन ने इस बात को गहराई के साथ अनुभव किया कि पात्रता का अभिवर्धन ही आध्यात्मिक उन्नति का एक मात्र आधार है।
क्राइम ब्यूरो महराजगंज AIN भारत NEWS कैलाश सिंह
