41 श्रमिकों का चिन्यालीसौड़ CHC में प्राथमिक उपचार, सीएम धामी ने सौंपे ₹1-1 लाख के चेक, रैट माइनर्स को ₹50 हजार
1 min read41 श्रमिकों का चिन्यालीसौड़ CHC में प्राथमिक उपचार, सीएम धामी ने सौंपे ₹1-1 लाख के चेक, रैट माइनर्स को ₹50 हजार_
उत्तरकाशी (उत्तराखंड):उत्तरकाशी की टनल में 12 नवंबर को दीपावली की सुबह मलबा आ गया था. 16 दिन तक 41 मजदूर इस मलबे के कारण सिलक्यारा की टनल में फंसे रहे थे. 17वें दिन रेस्क्यू टीमों ने इन मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू किया था. पहले टनल परिसर में ही इन सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था. टनल परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इन सभी मजदूरों को 41 एंबुलेंस के सहारे उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया. वहीं, रेस्क्यू किए गए श्रमिकों और उनके परिजनों से मिलने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और सभी श्रमिकों को 1-1 लाख रुपए का चेक सौंपा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम दौर में रैट माइनिंग तकनीक से मैन्युअल ड्रिलिंग करने वाले श्रमिकों को भी 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. इसके बाद सभी श्रमिकों को चिनूक हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स पहुंचाया गया.
गौर हो कि, मंगलवार रात टनल से रेस्क्यू के बाद इन 41 श्रमिकों को सीधे एंबुलेंस के जरिए चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. स्वास्थ्य केंद्र में पहले से ही अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं स्थापित की गई थीं. डॉक्टरों की टीम ने मजदूरों के अस्पताल पहुंचते ही उनका उपचार शुरू कर दिया था. हालांकि, सभी मजदूर स्वस्थ्य थे लेकिन टनल के अंदर सीलन वाली जगह, अंधेरा और बाकी दुनिया से 17 दिन से कटे रहने के कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक चेकअप की जरूरत थी.
ऋषिकेश एम्स भेजे गए श्रमिक:डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल इन मजदूरों को अभी घर नहीं भेजा जाएगा. बचाव अभियान के नोडल अधिकारी स्वास्थ्य डॉ. बिमलेश जोशी ने बताया कि सभी 41 श्रमिक वर्तमान में स्वस्थ हैं और बचाव के बाद उनकी स्वास्थ्य जांच दो बार की गई है. चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र में 18 डॉक्टरों की एक टीम कल रात से उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है. सभी श्रमिकों को संतुलित भोजन दिया जा रहा है, जिसमें पनीर, उबला अंडा, खीर, रोटी, सब्जियां और चावल शामिल है. वहीं, सभी श्रमिकों को अब चिनूक हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स भेजा गया है.
सीएम धामी ने की सभी श्रमिकों से मुलाकात:सीएम पुष्कर सिंह धामी सभी श्रमिकों का हाल-चाल जानने चिन्यालीसौड़ सामुदायिक अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने एक-एक श्रमिक से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, साथ ही 41 मजदूरों को एक-एक लाख रुपए की राहत राशि के चेक भी वितरित किए. बता दें कि, उत्तराखंड सरकार ने 28 नवंबर को रेस्क्यू पूरा होते समय सभी श्रमिकों को 1-1 लाख रुपए देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने सभी मजदूरों के परिजनों के रहने, खाने-पीने और आवागमन की व्यवस्था भी की है।
चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कड़ी सुरक्षा: उत्तराखंड सरकार ने पहले ही पूरे इंतजाम कर रखे थे. दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र लगातार टनल में फंसे मजदूरों के बारे में और रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लेते जा रहे थे. इस रेस्क्यू ऑपरेशन को कितनी उच्च प्राथमिकता से चलाया जा रहा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड के सीएम धानी ने 22 नवंबर से उत्तरकाशी जिले के मातली में सीएम कैंप ऑफिस बना लिया था. वहीं से सीएम धामी सरकारी कामकाज निपटा रहे थे. साथ ही समय समय पर सिलक्यारा टनल जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन को अपने सामने होते देख रहे थे.
पल-पल जांचा जा रहा है मजदूरों का स्वास्थ्य: अब जब रेस्क्यू ऑपरेशन सकुशल संपन्न हो चुका है तो टनल से निकाले गए मजदूरों के स्वास्थ्य का उच्च प्राथमिकता के साथ परीक्षण किया जा रहा है. चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर सभी 41 मजदूरों के स्वास्थ्य का हर तरह से परीक्षण कर रहे हैं. उन्हें पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है. 17 दिन से टनल में फंसे रहने से उनके मन में जो निराशा के भाव या अवसाद आया होगा, उसे मनोचिकित्सक दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. सभी मजदूरों की उनके परिजनों से बातचीत कराई गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद टनल से रेस्क्यू किए गए मजदूरों से बात की है. दूसरी तरफ मजदूरों के घरों में अपनों के सकुशल रेस्क्यू से जश्न का माहौल है.
पुजारी ने बाबा बौखनाग मंदिर में की पूजा: उत्तराखंड के चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सुरक्षा कड़ी की गई है. इसी अस्पताल में सिलक्यारा की सुरंग से बचाए गए श्रमिकों को प्राथमिक चिकित्सा और उपचार के लिए भर्ती कराया गया है. जब से 41 मजदूर सिलक्यारा की टनल में फंसे थे, तभी से पुजारी लगातार टनल के मुहाने पर बने बाबा बौखनाग मंदिर में पूजा पाठ करते चले आ रहे थे. सभी मजदूरों के टनल से सकुशल रेस्क्यू से खुश पुजारी ने आज सुबह भी बाबा बौखनाग मंदिर में पूजा की. पुजारी ने मजदूरों से सकुशल रेस्क्यू के लिए बाबा बौखनाग देवता को धन्यवाद किया.