शिव पर अविश्वास के कारण सती को करना पड़ा देह त्याग : पं० श्याम जी महराज।

शिव पर अविश्वास के कारण सती को करना पड़ा देह त्याग : पं० श्याम जी महराज।
भैया फरेंदा मे आयोजित श्री राम कथा के प्रथम दिन भगवान शिव व माता सती प्रसंग पर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
फरेंदा।
क्षेत्र के भैया फरेंदा में पंच दिवसीय श्री राम कथा का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। जिसमे कथा वाचक पं० श्याम जी महराज ने शिव सती प्रसंग सुनाया तो श्रद्घालु भाव विभोर हो गए।
पं० श्याम जी महराज ने कहा कि माता सती विश्वास के स्वरूप भगवान शिव की बात न मान कर भगवान श्री राम पर संदेह किया जिसके फलस्वरूप उनको योगाग्नि मे अपना देह त्याग करना पड़ा । भगवान भोलेनाथ के कहने पर कि यह प्रभु श्री रामचंद जी है। सती माता ने कहा कि यह एक राजपूत्र हैं और राजपूत्र ईश्वर कैसे हो सकता है सती को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास नहीं होता है। कालांतर में सती जी भगवान श्री राम की परीक्षा सीता का रूप बनाकर लेने के लिए जाती है परंतु प्रभु श्री राम जी उन्हें पहचान जाते हैं। बाद में भगवान शंकर के पूछने पर उन्होंने कहा कि मैंने परीक्षा नहीं लिया केवल प्रणाम किया तब भोलेनाथ सती का मन मे ही परित्याग कर देते हैं बाद में अपने पिता दक्ष के यज्ञ में सती जी शिव का अपमान होने के कारण अपने शरीर को भस्म कर देती है और बाद में हिमाचल के घर पार्वती जी के रूप में जन्म लेती है। इस दौरान अच्छेलाल मद्धेशिया , प्रदीप अग्रहरी , विनोद मद्धेशिया , राजेश यादव , रमेश ,शिवपूजन , रामप्रसाद , प्रमोद , गौरव , सूरज , धीरज व नीरज आदि लोग मौजूद रहे।