October 1, 2025 01:57:38

AIN Bharat

Hindi news,Latest News In Hindi, Breaking News Headlines Today ,हिंदी समाचार,AIN Bharat

परिवार में किसी को हो टीबी तो जरुर लें बचाव की दवा

1 min read

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female”]

[URIS id=18422]

परिवार में किसी को हो टीबी तो जरुर लें बचाव की दवा

AIN ब्यूरो रिपोर्ट संतकबीरनगर

 छ: महीने डोज लेने के बाद शरीर से समाप्‍त हो जाते हैं टीबी के बैक्टेरिया

 टीबी को जड़ से समाप्‍त करने के लिए जांच कराएं निकट सम्‍पर्की

संतकबीरनगर
खलीलाबाद ब्‍लॉक क्षेत्र के एक गांव की 17 वर्षीया कमलावती ( बदला हुआ नाम ) के पिता को टीबी थी। वर्ष 2017 में उसके पिता की टीबी से मौत हो गयी। उस समय वह 12 साल की थी। पिता की मौत के बाद उसके परिवार के लोग सामान्‍य जीवन व्‍यतीत करने लगे। अगस्‍त 2022 से उसे लगातार बुखार रहने लगा। इसके बाद उसके बुखार का इलाज हुआ लेकिन ठीक नहीं हुआ। अन्‍त में जिला अस्‍पताल के चिकित्‍सक ने उसका एक्‍स-रे करवाया तो उन्‍हें कुछ संदेह हुआ। इसके बाद अक्‍टूबर में उसकी सीबीनॉट जांच की गयी तो उसमें क्षय रोग की पुष्टि हुई। अब उसका इलाज चल रहा है तथा उसके परिवार के अन्‍य लोगों को टीबी से बचाव की दवा की डोज दी गयी है।

कमलावती का इलाज करने वाले जिला क्षय रोग अस्पताल के चिकित्‍सक डॉ विशाल यादव बताते हैं कि अपने पिता के साथ रहने के दौरान टीबी के बैक्टेरिया उसके शरीर में प्रवेश कर गए होंगे। जब उसकी इम्‍यूनिटी कमजोर हुई तो बैक्टेरिया प्रभावी हो गये। इसके बाद उसके अन्‍दर क्षय रोग के लक्षण आने लगे। उसका सामान्‍य से कम वजन ही उसके शरीर में टीबी के प्रभावी होने का सबसे बड़ा कारण है। उनका कहना है कि टीबी मरीज के प्रत्येक निकट सम्पर्की को बचाव की दवा अवश्य लेनी चाहिए। यह दवा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। कमलावती बताती हैं कि उन्‍हें तेज बुखार हुआ। बुखार के साथ खांसी भी आने लगी। चिकित्‍सक से इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था तो उनके परिजन उन्‍हें सीएचसी पर ले गए। वहां पर एक्‍सरे के बाद टीबी की पुष्टि हुई और इलाज शुरु हो गया । घर में सब लोगों को टीबी से बचाव की दवा जांच के बाद दी गयी है।

जांच के बाद लें निशुल्‍क दवा

जीत ( ज्‍वाइंट एफर्ट फार इल्‍यूमिनेशन आफ ट्यूबरक्‍लोसिस ) संस्‍था की प्रतिनिधि सीमा बताती हैं कि जिन लोगों के परिवार में पहले टीबी के रोगी रहे हों या वर्तमान में उनके परिवार के किसी सदस्‍य के अन्‍दर टीबी पकड़ में आई हो तो उनको जांच के बाद टीबी से बचाव की दवा की डोज चिकित्‍सक की सलाह पर निःशुल्‍क दी जा रही है । यह दवा बाहर नहीं मिलती है। इस समय जनपद में 2300 से अधिक लोगों को यह दवा दी जा रही है और इसके अपेक्षित परिणाम सामने आए हैं। इससे टीबी के प्रसार को रोका जा सकेगा।

ऐसे होता है प्रसार

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द बताते हैं कि अगर कोई क्षय रोगी बिना मुंह पर मास्‍क या कपड़ा लगाए छींकता या खांसता है तो उसके मुंह से ड्रॉपलेट्स निकलते हैं। सामान्‍य तापमान पर ड्रॉपलेट्स के साथ निकलने वाले वायरस एवं बैक्टेरिया तकरीबन दो घण्‍टे तक हवा में तैरते रहते हैं और किसी के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

इन लोगों में हो सकता है संक्रमण सक्रिय

डॉ विशाल बताते हैं कि टीबी के जीवाणु जब किसी व्‍यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं तो तीन स्थितियां आती हैं। पहला जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होगी तो आपका शरीर टीबी के जीवाणुओं को मार देगा। दूसरी स्थिति यह होगी कि व्यक्ति में टीबी के जीवाणु शरीर में प्रवेश करेंगे लेकिन निष्क्रिय रहेंगे। तीसरी स्थिति यह होगी कि वह व्‍यक्ति को बीमार कर देंगे। रोग प्रतिरोधक क्षमता  कम होने के कारण टीबी का संक्रमण सक्रिय टीबी बनकर व्‍यक्ति को तभी बीमार कर सकता है ।

नमस्कार,AIN Bharat में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 7607610210,7571066667,9415564594 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें