जालसाजी करने वाली आफरीन आरोपी महिला गिरफ्तार, UP के 13 जिलों में था आतंक
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जालसाजी करने वाली आफरीन आरोपी महिला गिरफ्तार, UP के 13 जिलों में था आतंक ।
महराजगंज क्राइम ब्यूरो कैलाश सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ, वाराणसी, मऊ सहित 13 जिले में एनजीओ के जरिए जालसाजी की गई है। पुलिस जांच कर रही है कि गिरोह ने कहां-कहां कितनी महिलाओं को शिकार बनाया है। शुरुआत में कुछ जिलों के नाम सामने आ गए हैं। अब तक यह लोग पूरे प्रदेश में लाखों बेरोजगार महिलाओं को अपना शिकार बना चुके हैं।एनजीओ बनाकर 8.35 करोड़ की जालसाजी करने की आरोपी आफरीन बानो को बृहस्पतिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह वही महिला है, जिसे जालसाजी की पीड़ित महिलाओं ने महराजगंज से पकड़कर राजघाट थाने को सुपुर्द किया था। उस दिन आफरीन पक्ष की ओर से अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था। इसमें जालसाजी की पीड़ित महिलाओं के विरुद्ध अपहरण का मामला भी दर्ज हुआ था।
अब जालसाजी की पीड़ित महिलाओं की ओर से दर्ज कराए गए केस की विवेचना के दौरान पुलिस ने धारा बढ़ाकर गिरोह में शामिल आफरीन को गिरफ्तार कर लिया। बृहस्पतिवार को उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया। आफरीन बानो कुशीनगर जनपद के कसया थाना क्षेत्र के रामजानकी नगर की रहने वाली है।एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बृहस्पतिवार को पुलिस लाइंस में प्रेस कांफ्रेंस कर जालसाजी की आरोपी महिला के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आफरीन बानो ने महराजगंज की परतावल निवासी आरिफ अंसारी उर्फ रुस्तम, संजीव यादव और एक अन्य के साथ मिलकर मई 2022 में ‘स्माइल 4 लाइफ वेलफेयर फाउंडेशन’ नाम से एनजीओ बनाया था। आरोपियों ने राजघाट की मिर्जापुर निवासी प्रीति वर्मा को एनजीओ का कोऑडिनेटर बनाया था।
पीड़ित महिलाओं पर महराजगंज में दर्ज है अपहरण का केस
वह महिलाओं को जोड़ रहीं थीं। समूह से जुड़ने वाली महिलाओं को दो घंटे प्रतिदिन अगरबत्ती पैकिंग करने के लिए ढाई हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की बात कही गई थी। इसके लिए 765 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस रखी गई थी। प्रीति ने जब महिलाओं को जोड़ना शुरू किया तो फिर रजिस्ट्रेशन की फीस को बढ़ाकर 1165 रुपये कर दिया गया। इस तरह से गोरखपुर के अलावा प्रदेश के 13 जिलों की 35 हजार महिलाएं इस संस्था से जुड़ गईं।
शुरुआत में सभी को वेतन के तौर पर कुछ रकम दी गई, लेकिन फिर अगस्त से वेतन बंद कर दिया गया। आरोप है कि महिलाओं से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 3.5 करोड़ रुपये वसूले गए थे। इसके बाद वेतन की रकम मिलाकर 8.35 करोड़ की जालसाजी की गई। महिलाएं प्रीति के घर पहुंचने लगीं तो फिर पांच जनवरी को प्रीति ने केस दर्ज करा दिया। जांच के आधार पर पुलिस ने विवेचना में धारा बढ़ाकर गिरफ्तारी की है।
जालसाजी की पीड़ित महिलाओं को एनजीओ की संचालिका आफरीन के महराजगंज में होने की सूचना मिली थी। इसपर महिलाओं ने बीते सोमवार को आफरीन को महराजगंज से पकड़कर राजघाट थाने को सौंप दिया था। इस मामले में आफरीन पक्ष की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर जालसाजी की पीड़ित महिलाओं पर महराजगंज कोतवाली में अपहरण का केस दर्ज हो गया।
उस दिन पुलिस का तर्क था कि एनजीओ संचालिका के खिलाफ धारा 406 यानी कि अमानत में खयानत की धारा में केस दर्ज है। इस धारा में आरोपी आफरीन की गिरफ्तारी नहीं हो सकती। जिसका विरोध मंगलवार को पूरे दिन राजघाट पुलिस से लेकर अधिकारियों तक को झेलना पड़ा।
विवेचना में बढ़ाई गई धारा
बाद में आफरीन के विरुद्ध दर्ज केस की विवेचना में पुलिस ने धारा बढ़ा दी है। अब इस मुकदमे में आईपीसी की धारा 406 के साथ ही 409, 430, 504, 506 को भी बढ़ा दिया गया है। यही वजह है कि इस केस में अब गिरफ्तारी हो सकी है। इसके पहले आरोपी थाने से सिर्फ इसी वजह से छूट गई थी, क्योंकि तब तक विवेचना में धारा नहीं बढ़ी थी और महज 406 का केस दर्ज था।
लखनऊ, वाराणसी, मऊ सहित 13 जिलों में ठगी
लखनऊ, वाराणसी, मऊ सहित 13 जिले में एनजीओ के जरिए जालसाजी की गई है। पुलिस जांच कर रही है कि गिरोह ने कहां-कहां कितनी महिलाओं को शिकार बनाया है। शुरुआत में कुछ जिलों के नाम सामने आ गए हैं। अब तक यह लोग पूरे प्रदेश में लाखों बेरोजगार महिलाओं को अपना शिकार बना चुके हैं। पीड़ितों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद सोशल मीडिया पर भी इसका जमकर विरोध हो रहा है। काफी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।